Law of Attraction & Meditation in Hindi – आकर्षण के नियम व ध्यान


आकर्षण के नियम और ध्यान – दोनों बहुत ही प्राचीन विद्या हैं. और इस विद्या से ना जाने कितने फायेदे आज तक भी इंसान लेता जा रहा है. बहुत से ऋषि मुनियों ने इस ज्ञान / विद्या को बांटा और इंसान को भेंट किया / सिखाया. आज हम आकर्षण के नियम और ध्यान (Law of Attraction & Meditation in Hindi) से बहुत ही बड़ी सीख लेंगे और अपने जीवन और जीवन शैली को (अच्छे के लिए) बदलने की कोशिश करेंगे.

आज तक बहुत से लोगों ने आकर्षण के नियमों (Law of Attraction) के बारे में हमें कई बातें बताई हैं, जिसके ज़रिये, हम अपनी imagination की मदद से बहुत कुछ या ये कहिये के जो चाहे वो पा सकते हैं. और आज हम सीखेंगे के इस विद्या से हम शरीर के सभी अंगों को relax / शांत कैसे करें और साथ ही साथ अपनी imagination को कैसे बढ़ाएं. जिससे मन का तनाव ख़तम हो जाएगा और नींद की कमी जल्द ही पूरी होगी.

योग निद्रा – ध्यान (Meditation in Hindi)

आज हम ध्यान के एक पहलु – योग निद्रा के बारे में जानेंगे. इसके रोजाना अभ्यास से आप पायेंगे के सिर्फ 20 minute के अभ्यास आपकी 5-6 घंटे की नींद की पूर्ति करेगा. सिर्फ इतना ही नहीं, इससे व्याग्रता, चिंता और अनिद्रा / नींद न आने का रोग (Depression, Anxiety, Insomnia) जैसी ला-इलाज बीमारियाँ भी दूर होती हैं.

और तो और इसका सबसे बड़ा फायदा यह है की इसका अभ्यास करते हुए अगर और जब हम नींद में जाते हैं तो हमारी पूरी नींद / नींद का समय ध्यान (Meditation) ही गिना जाएगा / माना जाएगा. क्युकी योग निद्रा के अभ्यास के बाद जब हमें नींद आएगी तो हमारा चेतन मन तो नींद का अनुभव कर रहा होगा, मगर योग निद्रा से हमने अपने अवचेतन मन को ध्यान में लगा दिया होगा. तो वो ध्यान करता रहेगा – जब तक हम उसे कहीं और नहीं लगायेंगे. और यह तभी होगा जब हम नींद से जागेंगे और हमारा चेतन मन काम करेगा. इसीलिए आपकी पूरी नींद / नींद का समय ध्यान ही होगा.

Law of Attraction & Meditation in Hindi - आकर्षण के नियम व ध्यान

आकर्षण के नियम (Law of Attraction in Hindi)

“योग निद्रा ध्यान” के नियमित अभ्यास से जब आप पूरी तरह अपना मन शांत कर पायेंगे, तब यदि आप चाहें तो आकर्षण के नियमों का लाभ भी पूरी तरह से उठा सकेंगे. आपकी Imagination शक्ति पूरी तरह से उच्चतम स्तर पर होगी. और उस वक़्त आप जो चाहें वो आप अवश्य पा पायेंगे. क्युकी योग निद्रा के गहरे ध्यान में उतरने पर आका अवचेतन मन जागृत होजाता है. और उस अवस्था में आप जो चाहें वो आकर्षित कर सकते हैं.

योग निद्रा का अभ्यास

चलिए अब हम योग निद्रा का अभ्यास शुरू करें – हालाकि बेहतर तो यही होगा के आप इस अभ्यास को किसी शांत व आराम दायक स्थान पर लेट कर करें. पर यदि यह संभव नहीं है, तो आप इसे बैठ कर भी कर सकते हैं. पर ध्यान रहे – एक ऐसा स्थान नियुक्त करें जो की एक दम शांत व आराम दायक हो और किसी तरह से भी आपका ध्यान भंग न हो पाए.

  • अब आराम पूर्वक लेट जाएँ,
  • अपने शरीर को शिथिल छोड़ दें,
  • आंखें बंद कर लें (आँखें खुली रहेंगी तो ध्यान भटकेगा),
  • कोशिश करें अपने ध्यान को अपने शरीर के भीतर ले जाएँ,
  • और खुदको बाहरी संसार से कुछ देर के लिए बिलकुल अलग कर लें,
  • अपना सारा ध्यान अपनी साँसों पर लायें,
  • साँसों के साथ महसूस करें अपने पेट को,
  • साँसों के चलते हुए महसूस करें अपने पेट को ऊपर नीचे होते हुए,
  • सांस आते हुए, जाते हुए,
  • कुछ बदलने की कोशिश नहीं करनी आपको, बस महसूस करना है / ध्यान देना है,
  • पेट में हवा भर रही है, पेट ऊपर आरहा है, गहरी सांस लेते हुए,
  • पेट से हवा निकल रही है, पेट नीचे जा रहा है, सांस छोड़ते हुए,
  • अपना पूरा ध्यान 3-4 minutes तक अपने पेट पर लगाये रखें,
  • अब आपका मन शांत होता जा रहा है,
  • सांस अन्दर – पेट ऊपर,
  • सांस बहार – पेट अन्दर / नीचे,
  • हर एक सांस के साथ आप अपने मन को शांत होता महसूस कर रहे हैं,
  • अब आपका मन आपके हिसाब से कम कर रहा है.

      शरीर के निचले हिस्से को ढीला छोडें

      • अब अपना सारा ध्यान अपने दाहिने पैर की उँगलियों पर ले जाएँ,
      • अपने दाहिने पैर की उँगलियों को relax / शांत होता महसूस करें,
      • दाहिने पैर की उँगलियों को ढीला छोड़कर वहां से तनाव को दूर करें,
      • उँगलियों से Energy अन्दर प्रवेश करती है, और तनाव मुक्त होने से आप relaxed feel कर रहे हैं,
      • आपके दाहिने पैर की तली, एडी, पंजा पूरी तरह से relax हो चूका है,
      • धीरे धीरे घुटना और पूरा पैर relax होता हुआ आप महसूस कर रहे हैं.
      • अब येही आपको अपने बाएँ पैर के लिए करना है – अपने बाएँ पैर को भी ऐसे ही relax करें,
      • अपना सारा ध्यान बाएँ पैर की उँगलियों पर ले जाएँ,
      • अपने बाएँ पैर की उँगलियाँ, एडी, तली, पंजा, घुटना व पूरा पैर relax होता हुआ महसूस करें.
      • अब अपने ध्यान को अपने lower back और hips की और ले जाएँ,
      • और सभी मॉस पेशियों (muscles) को ढीला व relax होता मेंसूस करें.

          शरीर के उपरी हिस्से को ढीला छोडें

          • अब अपना सारा ध्यान अपने पेट की और ले आयें,
          • अपने पेट की सारी मॉस पेशियों (muscles) को ढीला व relax होता देखें,
          • हर सांस के साथ पेट ऊपर नीचे, अन्दर बहार हो रहा है,
          • और इसी वजह से आपकी छाती पूरी तरह से relaxed है,
          • आपकी पीठ, कंधे, दोनों बाजू पूरी तरह से शांत होती चली जा रही हैं,
          • दोनों हाथों की उँगलियों से सारा तनाव, सारी परेशानियाँ, चिंताएं, घबराहट बहार निकल रही है,
          • हर सांस के साथ ये प्रक्रिया चल रही है,
          • सांस बहार छोड़ते ही सारी चिंताएं हाथ की उँगलियों से बहार निकल रही है,
          • अब आपको सांस भीतर लेते हुए एक अजब सी शांति का अनुभव हो रहा है,
          • आपका मन अब बिलकुल शांत है, एक ठहराव है.
          • पूरी गर्दन और कंधे शांत हो चुके हैं,
          • अब आप अपने सिर, माथा, कान, आँखें, नाक, होंठ सब जगह शांति महसूस कर रहे हैं.
          • इसके साथ अब आप पूरी तरह से तनाव-मुक्त हो चुके हैं. आप बिलकुल ढीले महसूस कर रहे हैं खुदको.

            अब एक लम्बी और गहरी सांस लें और इसे महसूस करें गुज़रते हुए अपने नाक से, सिर से, मस्तिष्क में, पीठ में, छाती में, पेट में और अब वापिस पेट से, छाती से, पीठ से, मस्तिष्क से, सिर से होते हुए नाक से बहार.

            अब आप अपने शरीर के भीतर ध्यान करने को समझ चुके हैं. अब आप आसानी से अपने ध्यान को भीतर की और ले जायेंगे.

            3-4 minute के लिए अपनी साँसों पर ध्यान दे. कुछ नहीं करना, जिस शांत स्थिति में हैं, उसी शांत स्थिति में बस अपनी प्रत्येक सांस को ध्यान पूर्वक लेना और छोड़ना है.

            बस ध्यान देते रहे. सांस आ रहा है, और जा रहा है. (यदि इस दौरान आपका ध्यान कहीं भटक भी जाये, तो ज्यादा सोचें ना. चिंता ना करें. सिर्फ अपने ध्यान को वापिस अपनी साँसों पर ले आयें).

            एक सकारात्मक उर्जा को आप महसूस कर रहे हैं, जो की हर सांस के साथ आपके भीतर भारती आ रही है. और सांस छोड़ते ही आपके अन्दर की सारी नकारात्मक उर्जा बहार निकलती जा रही है. ये सकारात्मक उर्जा आपके सिर के बिलकुल उपरी हिस्से (Crown Chakra) से आ रही है, आप feel कर पा रहे हैं इस उर्जा को अपने सिर में, गर्दन, पीठ, छाती, पेट, दोनों हाथों, दोनों पैरों में. धीरे धीरे ये उर्जा पूरे शरीर में भारती चली जा रही है. और इसके साथ आप अपने आप को चुस्त, तंदुरुस्त, शक्तिशाली, निडर, आत्मविश्वासी, साहसी महसूस कर पा रहे हैं.

            आकर्षण के नियम - Law of Attraction in Hindi

            आकर्षण के नियम – अभिकथन (Affirmations)

            अब आप उस स्थिति में पहुच चुके हैं के आपका मन अब पूरी तरह से शांत है और अथाह शांति का अनुभव कर रहा है. और अब यदि आप अपने मन को कुछ अभिकथन (Affirmations) देना चाहें तो वो वैसा ही करेगा जैसा आप उसे करने को कहेंगे.

            सकारात्मक अभिकथन (Affirmations): अब आप अपने मन को कुछ सुझाव दे सकते हैं कुछ इस प्रकार से के:

            • अब से आपका मन हर समय इसी प्रकार से शांत रहता है.
            • आप एक शांत इंसान हैं.
            • आप शांति का प्रतीक हैं.
            • हर सांस के साथ सकारात्मक उर्जा आपके अन्दर प्रवेश कर रही है.
            • आपके व्यक्तित्व में / शक्सियत में आकर्षण बढ़ता जा रहा है.
            • आपमें भरपूर आत्मविश्वास है और आप निडर हैं.
            • आप अमीर हैं, सुखी हैं, समृद्ध हैं.
            • आपकी एकाग्रता / एकाग्र शक्ति और स्मरन्शक्ति बहुत ही अच्छी है.
            • आप रोज़ ध्यान (Meditation) के द्वारा सकारात्मक उर्जा पाते हैं और खुदको शांत रखते हैं.
            • हर पल शांति और आनंद आपके जीवन में बढ़ता जा रहा है.

              ऊपर दिए गए अभिकथानों के अलावा अगर कोई और अभिकथन (Affirmations) आप खुदको देना चाहें तो यह बिलकुल सही समय है देने का. क्युकी आपका अवचेतन मन उसे पूरा ज़रूर करेगा, क्युकी यह सब आपके अवचेतन मन की गहराईयों तक पहुचेगा. क्युकी मन पूरी तरह से शांत है आपका.

              अब धीरे से आप वापिस उठेंगे. ध्यान रहे के आँखें अभी बंद ही रहे. आँखें ना खोलें. धीरे से दायें या बायें और की करवट ले कर शांति से बैठ जाएँ. लम्बी और गहरी सांस के साथ 3 बार लम्बे ॐ का उच्चारण करें.

              1. ॐ के पहले उच्चारण पर अपने दोनों हाथों को अपने घुटनों पर रखें.
              2. ॐ के दुसरे उच्चारण पर अपने दोनों हाथों को आपस में rub करें, जिससे की हाथ थोड़े गरम हो जाएँ, और इन्हें अपनी दोनों आखों पर लगा लें.
              3. ॐ के तीसरे उच्चारण पर धीरे धीरे अपनी आखें खोलते हुए वापिस इस दुनिया में लौट आयें.

                अब ध्यान रहे: वापिस आप इस दुनिया में आ चुके हैं. हर तरफ वही तनाव, वही चिंताएं, वही परेशानियाँ होंगी – लेकिन अब आप भीतर से बिलकुल / पूरी तरह शांत रहेंगे.


                आप सिर्फ शांति – अनंत शांति का अनुभव कर रहे हैं.

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