Pregnancy me Yoga in Hindi (11 योगासन गर्भावस्था में) – कब, कैसे, कौनसा करें

आज हम बात करेंगे Pregnancy me Yoga in Hindi (गर्भावस्था में योगासन) के बारे में –  गर्भावस्था में योगासन कब करें, कैसे करें, कौनसा करें और इस विषय पर पूरी जानकारी।

गर्भावस्था के दौरान योग के कई लाभ होते हैं, जिसमें श्रोणि की ताकत का निर्माण और आपके शरीर को प्रसव के लिए तैयार करना शामिल है, लेकिन कुछ योग मुद्राएं ऐसी भी होती हैं, जिनसे आपको बचना चाहिए, गर्भावस्था के दौरान दूर रहना चाहिए

जब आप एक विकसित होते बच्चे को, एक नन्ही सी ज़िन्दगी को अपने भीतर धारण किये हुए होते हैं, तब आपका शरीर वैसा नहीं होता जैसे पहले था। आपके बढ़ते गर्भाशय और विकसित हो रहे बच्चे के लिए जगह बनाने के लिए आपके कुछ आतंरिक अंग शिफ्ट होते हैं एक साथ और कुछ अंग निचुड़ जाते हैं व दब जाते हैं।

इसके अतिरिक्त, आपके रक्त के माध्यम से चलने वाले हार्मोन की वजह से पहले की तुलना में अब आपका शरीर बहुत अलग तरह से महसूस करता है, फील करता है और प्रतिक्रिया करता है।

आपकी खुदकी और साथ ही आपके बढ़ते बच्चे की, दोनों की सुरक्षा बहुत ही अहम और महत्वपूर्ण हो जाती है जब बात योग की आती है। सौभाग्य से, आप अपना योगा अभ्यास ज़ारी रख सकते हैं गर्भावस्था के दौरान, कुछ प्रमुख संशोधनों के साथ।

मानसिक तौर पर पॉजिटिव रहना और शारीरिक तौर पर स्वस्थ रहना बहुत ही आवश्यक है एक pregnant महिला के लिए। अपनी Pregnancy के दौरान आपको शारीरिक व मानसिक स्वस्थ्य दोनों पर ध्यान देने की बहुत ही ज्यादा आवश्यकता होती है और योग आपको यहाँ बहुत ही मदद करता है। क्यूंकि प्रेगनेंसी के दौरान जब बहुत अलग अलग तरह के बदलाव हो रहे होते हैं, होर्मोनेस चेंज हो रहे होते हैं शरीर में भी और मानसिक तौर पर भी उस समय योग करना अति आवश्यक होता है।

Pregnancy me Yoga in Hindi
Pregnancy me Yoga in Hindi


बहुत सी महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान कुछ दिक्कत परेशानियों का सामना करना पढता है। और अगर आप कुछ योगासन को नियमित रूप से व सुरक्षा के साथ करें तो प्रेगनेंसी के दौरान कुछ परेशानियों से बचा जा सकता है।

हम सभी को पता है कि कब्ज़ और उल्टी जैसी परेशानियाँ आम मानी जाती हैं pregnancy के दौरान। ऐसे में योगासन एक मात्र ऐसा उपाय व तरीका है जिससे आप अपनी pregnancy में कब्ज़ और उल्टी जैसी परेशानियों से बहुत आसानी से निपट सकते हैं व बच सकते हैं। सही तरह से नियमित रूप से योग करने पर आप अपनी pregnancy में बहुत ही आसानी से सभी तरह की समस्याओं को दूर कर सकते हैं।

तो आइये जानते हैं कुछ योगासन के बारे में जिन्हें कर के आप अपनी pregnancy में किसी भी परेशानी से झूझ सकने में समर्थ होते हैं।

Pregnancy में कौनसा योगा करना चाहिए (योगासन)

1. शवासन (Shavasana)

यह एकलौता ऐसा आसन है जिसे करने से आपके पूरे शरीर को आराम तुरंत मिलता है। इस आसन को करने के लिए आपको अपने मन को शांत करके किसी भी साफ़ स्थान पर एक दरी या योगा मैट बिछाना है।

बिछाए मैट या दरी पर पीठ के बल आरामदायक स्थिति में लेट जाएं। अपने हाथ और पैर थोड़े थोड़े (ज्यादा नहीं) फैला लें, अर्थात हाथों को शरीर से ज़रा सा दूर कर लें और पैर भी थोडा फैला लें। अब अपने शरीर को पूरी तरह से ढीला छोड़ दें।

अब नेचुरल तरीके से सांस लें। ना ही साँसों को धीरे करना है, ना ही तेज़, ना ही लम्बा ना ही छोटा। नेचुरल तरीके से सांस लें और अपना सारा ध्यान अपनी साँसों की और ले जाएं। कुछ ही देर में आपको शारीरिक और मानसिक शान्ति का अनुभव होने लगेगा। इस योगासन अभ्यास से आपके शरीर का ही नहीं परन्तु मानसिक तनाव भी दूर होता है।

गर्भावस्था (Pregnancy) के दौरान लगभग सभी महिलाएं मूड स्विंग होने की वजह से बहुत ही परेशान रहती हैं। यह योगासन अभ्यास आपके मूड स्विंग को नियंत्रण में रखने में मदद करता है और आपके लिए बहुत ही लाभदायक होता है।

2. सुखासन (Sukhasana)

सुखासन (Sukhasana) एक ऐसा योगासन है जिसे करके आपकी छाती और मांसपेशियां मज़बूत होती हैं। इस योगासन का अभ्यास करने से आपकी एकाग्रता बढती है और मानसिक तनाव भी दूर होता है। प्रेगनेंसी के दौरान यह बहुत आवश्यक है और आपकी बहुत सी परेशानियों से आपको दूर रखने में समर्थ सिद्ध होता है।

3. वज्रासन (उज्जयी सांस के साथ) – Vajrasana (with ujjayi breath)

आपकी पाचन शक्ति को बढाने में काफी मदद करता है यह योगासन। प्रेगनेंसी में यदि आप अपने पैरों में या घुटनों में दर्द या किसी तरह का खिंचाव महसूस करते हैं तो यह योगासन आपके घुटनों व पैरों को शक्ति प्रदान करता है और आपकी समस्या को दूर भगाता है। किसी भी तरह का दर्द अगर आप महसूस करते हैं प्रेगनेंसी के दौरान अपने शरीर में तो यह योगासन आपको उस दर्द से मुक्ति प्रदान करता है।

4. बद्धकोणासन (Badhakonasana)

यह योगासन आपके मूत्राशय, पेट के अंगों, रक्त परिसंचरण और गुर्दे को स्वस्थ रखने में सहायक होगा है। यही आप कम काम करके बहुत जल्दी थकावट महसूस करते हैं तो यह योगासन जल्दी होने वाली थकान को दूर करता है। शरीर में किसी भी तरह का दर्द या थकान या आपको अगर पेशाब से जुडी कोई परेशानी है तो इस योगासन को अवश्य अपनाएं।

5. पश्चिमोत्तानासन (Paschimottanasana)

अंडाशय और गर्भाशय की कार्य क्षमता को सुचारू रूप से चलने में यह योगासन बहुत ही मदद करता है और साथ ही आपके जिगर और गुर्दे को भी मज़बूत बनता है, स्वस्थ रखने में सहायक है। इसके अभ्यास से पाचन शक्ति भी बढती है, यह मानसिक शान्ति प्रदान करता है। प्रेगनेंसी के दौरान लगभग हर परेशानी में यह आपकी मदद करता है। ध्यान रहे कि इस योग को प्रेग्नेंसी के पहले ट्रिमेस्टर यानी तीन महीने तक ही डॉक्टर की सलाह पर करें।

6. वीरभद्रासन (Veerbhadrasana)

आपकी बाजू, पेट, जाँघों और कंधे की मांसपेशियों को स्वस्थ रखता है व शक्ति प्रदान करता है यह आसन। अगर आप गर्दन दर्द या पीठ दर्द से परेशान हैं तो यह योगासन आपके इस दर्द तो दूर करने में काफी सहायक होगा।

7. कोनासन – 1 और 2

यह दोनों कोनासन आपके कब्ज़ की परेशानी को दूर भगाते हैं। अक्सर प्रेगनेंसी के दौरान पीठ में दर्द रहता है खासतौरपर सुबह सुबह उठते ही पीठ दर्द होती है, यह योगासन करने से आपकी पीठ में कोई भी, किसी भी तरह का दर्द नहीं रहेगा

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8. ताड़ासन (Tadasana)

आपके शरीर में रक्त सुचारू रूप से चलने में यह योगासन काफी सहायक साबित होता है। इसे करने से आपकी पाचन शक्ति भी सही से काम करती है। यह योगासन आपकी मांसपेशियों को भी मज़बूत रखता है, खासतौर पर हाथों और घुटनों की।

9 विपरीतकर्णी (Viparita Karani)

यह योगासन अद्भुद तरीके से आपके मन को शांत करता है, चिंता रहित रखता है, तनाव दूर करता है और अगर आपकी टांग में कही पर भी किसी भी तरह का दर्द हो तो उसे भी यह दूर करता हैं। अनिद्रा अर्थात नींद ना आने की परेशानी से अगर आप झूझ रहे हैं तो यह योगासन आपको परेशानी को अवश्य दूर करता है। प्रेगनेंसी के दौरान बहुत सी महिलाओं में नींद ना आने की अर्थात अनिद्रा की परेशानी पाई जाती है। ऐसी महिलाओं को यह योगासन अवश्य अपनाना चाहिए।

10. मार्जारिआसन (Marjariasana)

प्रजनन में आने वाली अधिकतर परेशानियाँ इस योगासन को करने से निश्चित तौर पर दूर हो जाती हैं। आपकी पाचन शक्ति को भी यह योगासन अभ्यास बेहतर बनाता है। इसके अभ्यास से आपकी मांसपेशियां भी मज़बूत हो जाती हैं। आप बहुत सी समस्याओं से पहले से ही बच सकते हैं, अगर आप इस योगासन की प्रैक्टिस प्रेगनेंसी के दौरान करते हैं।

11. त्रिकोनासन (Trikonasana)

त्रिकोनासन (Trikonasana) एक ऐसा अद्भुद आसन है जिसे करने से आप अपनी गर्दन, पीठ व कमर के दर्द को दूर भगा सकते हैं – यह तीनो को मज़बूत बनाता है। साथ ही अगर आप पाचन शक्ति को बढ़ाना चाहते हैं तो यह आसन अवश्य करें। इस आसन के बहुत से फायदों में एक यह भी है कि यह आपके मानसिक तनाव को दूर करता है, आपको चिंता मुक्त रखता है और साथ ही एसिडिटी को भी दूर करता है। प्रेगनेंसी के दौरान एसिडिटी जैसी और इससे होने वाली और भी परेशानियों से यह योगासन आपको निजाद दिलाता है।

pregnancy mein konsa yoga karna chahiye
Pregnancy mein konsa Yoga karna chahiye

FAQ

गर्भवती महिला को कौन से योग करना चाहिए?

गर्भावस्था में गर्भवती महिला को जो योगासन करने चाहिए वे हैं:
• शवासन (Shavasana)
• साइड- लेग रेज (Side- Leg Raise)
• सुखासन (Sukhasana)
• नी- पुशअप (Knee Pushup)
• वज्रासन (उज्जयी सांस के साथ) – Vajrasana (with ujjayi breath)
• बद्धकोणासन (Badhakonasana)
• पश्चिमोत्तानासन (Paschimottanasana)
• वीरभद्रासन (Veerbhadrasana)
• कोनासन – 1 और 2
• ताड़ासन (Tadasana)
• विपरीतकर्णी (Viparita Karani)
• मार्जारिआसन (Marjariasana)
• त्रिकोनासन (Trikonasana)

गर्भवती स्त्री के लिए कौन सा सर्वश्रेष्ठ व्यायाम है?

गर्भवती स्त्री के लिए सर्वश्रेष्ठ व्यायाम है:
• शवासन
• सुखासन
• पश्चिमोत्तानासन
• वीरभद्रासन
• ताड़ासन
• मार्जारिआसन

प्रेगनेंसी में योगा कब करना चाहिए?

सबसे पहले तो गर्भ धारण करने के शुरुवात के तीन महीने में प्राणायाम सबसे बेहतर और बहुत ही उपयोगी माना जाता है। गर्भावस्था के दौरान योगा बहुत ही हितकारी और लाभदायक फल देता है। योगासन गर्भवती महिला को तनाव, एंग्जायटी, डिप्रेशन से कोसों दूर रखता है, कमर व घुटनों का दर्द, पेट फूलना, कब्ज़ और अनिद्रा जैसी परेशानियों में भी बहुत ही सहायक होता है। परन्तु पहले तीन महीने गर्भवती महिला को केवल हलके फुल्के व्यायाम व प्राणायाम पर ही ध्यान देना चाहिए।

प्रेगनेंसी में कौन सी एक्सरसाइज / योग नहीं करनी चाहिए?

गर्भावस्था के दौरान जो एक्सरसाइजेज, योगा व खेल नहीं करने व खेलने चाहिए वे हैं: बास्केटबॉल, स्क्वैश, घुड़सवारी, किकबॉक्सिंग, उच्च-तीव्रता वाले व्यायाम, शरीर को जल्दी गर्म करने वाले मेहनती व्यायाम, ऊंचाई पर चढ़ना और लम्बी यात्रा नहीं करनी चाहिए, वाटर स्पोर्ट्स भी नहीं खेलने चाहिए।

नॉर्मल डिलीवरी के लिए कौन सा योग करना चाहिए?

नॉर्मल डिलीवरी के लिए किये जाने वाले योगासन हैं:
• मार्जरी आसन
• वीरभद्रासन
• अर्ध तितली आसन
• उत्थित त्रिकोणासन
• वज्रासन
• ताड़ासन
• पूर्ण तितली आसन
• वृक्षासन

तो दोस्तों यहाँ हमने आपको बताए गर्भावस्था (प्रेगनेंसी Pregnancy) के दौरान किये जाने वाले योगासन। कृपया ध्यान रहे कि अपने डॉक्टर की सलाह के बिना इन योगासनों को ना करें

हम सभी जानते हैं कि प्रेगनेंसी के दौरान सभी के शरीर व मानसिक हालत अलग अलग होती है। किसी की भी अवस्था, समस्या, हालत व परिस्थिति दुसरे से मेल नहीं खाती। इसीलिए किसी भी योगासन को करने से पहले बहुत ही आवश्यक है अपने डॉक्टर से सलाह ले लेना क्यूंकि सिर्फ आपका डॉक्टर ही जानता है आपकी अवस्था, समस्या, हालत व परिस्थिति के बारे मैं।

अगर आपको हमारा यह पोस्ट गर्भावस्था में योगासन – प्रेगनेंसी में योग Pregnancy me yoga in Hindi अच्छा लगा हो तो कृपया कर इसे अपने सोशल मीडिया पर शेयर अवश्य करें और साथ ही गर्भावस्था में योगा पर यदि आपको कोई भी किसी भी तरह का सवाल पूछना हो तो कृपया कमेंट ज़रूर करें।

Disclaimer: अपने डॉक्टर की सलाह के बिना इन योगासनों को ना करें।

तो दोस्तों यहाँ हमने आपको बताए गर्भावस्था (प्रेगनेंसी Pregnancy) के दौरान किये जाने वाले योगासन। कृपया ध्यान रहे कि अपने डॉक्टर की सलाह के बिना इन योगासनों को ना करें

हम सभी जानते हैं कि प्रेगनेंसी के दौरान सभी के शरीर व मानसिक हालत अलग अलग होती है। किसी की भी अवस्था, समस्या, हालत व परिस्थिति दुसरे से मेल नहीं खाती। इसीलिए किसी भी योगासन को करने से पहले बहुत ही आवश्यक है अपने डॉक्टर से सलाह ले लेना क्यूंकि सिर्फ आपका डॉक्टर ही जानता है आपकी अवस्था, समस्या, हालत व परिस्थिति के बारे मैं।

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Disclaimer: अपने डॉक्टर की सलाह के बिना इन योगासनों को ना करें।

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