तब कहीं जा कर मुझे यह एहसास हुआ और पता लगा की थाइरोइड किसी को भी, कहीं भी, कभी भी हो सकता है। शुरुवात का कुछ समय तो बहुत ही ज़्यादा परेशानी में बीता या ये कहलो की परेशानी मेरी तब तक नहीं हटी जब तक मुझे योग (योगासन) और आयुर्वेद के कुछ सुरक्षित और अचूक उपचारों के बारे में पता नहीं लगा।
अब मुझे इतना सोचना, समझना, परेशां होना नहीं पढता और ज़िन्दगी बहुत ही नार्मल है जैसे की पहले थी। और योग के कुछ आसनों को रोज़ करने से कुछ ही समय में मैंने इससे छुटकारा पा लिया।
सबसे बेहतरीन बात ये हुई की जब मैंने देखा की योग की रोज़ प्रैक्टिस हमें थाइरोइड के लक्षणों और उसके परिणामों से लड़ने में भी बहुत सहायक सिद्ध होता है।
आजकल, जहाँ तक मैंने देखा है गलग्रंथि (थाइरोइड) बहुत ही आम पाया जाने लगा है पिछले कुछ समय में।
अमेरिकन थाइरोइड एसोसिएशन (ऐ टी ऐ) के अनुसार करीब 23 Million अमेरिकन्स थाइरोइड से शिकार हैं और उनमें से भी लगभग 70% को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। हैरानी की बात यह है की थाइरोइड ज़्यादातर महिलाओं में पाया गया है बजाये पुरुषों के। वैसे तो इसके बहुत से कारण हैं, मगर तनावग्रस्त जीवनशैली एक बहुत ही प्रमुख कारण बताया जाता है थाइरोइड के होने का।
इतनी अधिक मात्रा में लोगों को अपना शिकार बनाने के बावजूद अच्छी बात यह है की थाइरोइड के बहुत से अचूक उपचार आज हमारे पास उपलभ्ध हैं। जिनमें से ध्यान और योग का नियमित रूप से आभास एक बहुत ही सरल, अचूक, और सबसे बेहतरीन तरीके से काम करने वाला एक असरदार उपाय माना जा रहा है।
आपके जीवन को पूरी तरह तनावमुक्त करने में बहुत ही सहायक होगा अगर आप अपने नियमित उपचार के साथ कुछ समय योग अभ्यास को दें। थाइरोइड को दूर करने के साथ साथ योग अभ्यास आपके जीवन को सरल और आनंदमय भी बनाएगा।
थाइरोइड के 2 प्रमुख रूप
- हाइपो थाइरोइड । Hypothyroidism
- हाइपर थाइरोइड । Hyperthyroidism
वैसे तो आप नीचे दी गयी जानकारी के अनुसार (हाइपो थाइरोइड के लक्षण । Symptoms of Hypothyroidism) – अपने अनुभव व लक्षणों से ही जान सकते हैं की आपको थाइरोइड के 2 रूपों में से कौनसा थाइरोइड है। मगर फिर भी अपने चिकित्सक या फिर विशेषज्ञ की राय / सलाह ज़रूर लें।
हाइपो थाइरोइड के लक्षण । Symptoms of Hypothyroidism
- नकारात्मक हो चूका है आपका दृष्टिकोण
- सुस्ती व आलस्य होता है हर एक कार्य में
- अपनी दिनचर्या में कुछ भी कार्य करने में आपको उत्साह की कमी लगती है
- आप बहुत जल्दी थक जाते हैं, थोड़ी सी मेहनत से भी काफी थकान महसूस होती है
- आपको ज़्यादातर कब्ज़ की शिकायत रहती है
- आपके भोजन नियमित रूप से करने व भोजन की मात्रा ना बढ़ाने पर भी आपका वजन बढ़ रहा है
- शीशे में खुदको देखने पर कभी कभी आपको अपना चेहरा फूला हुआ लगता है
- आपके बाल झड़ने लगे हैं और पतले होते जा रहे हैं
- कभी कभी आपको अपने गले में सूजन सी दिखाई देती है
योग थाइरोइड को कैसे दूर करता है?
कृपया ध्यान दें: नीचे दिए गए योग के कुछ आसान, हाइपो थाइरोइड एवं हाइपर थाइरोइड दोनों के मरीज़ों के लिए बहुत ही उपयोगी व सहायक हैं। इन योग आसनों का नियमित रूप से प्रयोग करने पर आप खुद ही 21 दिनों में ही थोड़ा बहुत फ़र्क़ महसूस कर पाएंगे।
हाइपो थाइरोइड के लिए 7 योग आसन । 7 Yoga Asanas for Hypothyroidism
सेतु बन्धासना । Setu Bandhasana
विपरीतकर्णी । Viparitakarani
जनु शीर्षासन । Janu Shirasasana
हलासन । Halasana
मर्जरीआसान । Marjariasana
सर्वांगासन । Sarvangasana
सिर्फ इतना ही नहीं, इन योग आसनों के साथ साथ प्राणायाम अभ्यास (सांस लेने की तकनीक) जैसे की:
कपाल भाती, उज्जयी श्वास, भस्त्रिका, नाड़ी शोधन को भी हाइपो थाइरोइड (Hypothyroidism) में बहुत ही उपयोगी व लाभप्रद माना जाता है।
हाइपर थाइरोइड के लक्षण । Symptopms of Hyperthyroidism
- आप अपनी भूख में कुछ अलग तरह का परिवर्तन महसूस करते हैं
- ज़रुरत व अपनी भूख से या ज़्यादा कहते हैं या बहुत ही काम
- काफी अच्छी मात्रा में भोजन खाने पर भी आपका वजन नहीं बढ़ता
- आपको अक्सर रात को सोने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पढता है
- असामान्य रूप से पसीना आता है
- कुछ ज़्यादा ही हड़बड़ाहट में या अक्सर आप जल्दबाज़ी में रहते हैं
- छोटी छोटी चीज़ों से तनाव होना
- छोटी छोटी बातों / चीज़ों से चिड़ने लगे हैं
हाइपर थाइरोइड के लिए 5 योगासन । 5 Yoga Asanas for Hyperthyroidism
शिशुआसन । Shishu asana
सेतुबंध । Setubandhasana
शवासन । Shavasana
मर्जरीआसान । Marjariasana
सूर्य नमस्कार व मंत्र जाप
हाइपो थाइरोइड एवं हाइपर थाइरोइड (hypothyroidism and hyperthyroidism) – इन दोनों में बहुत ही सहायक सिद्ध होगा अगर आप अपनी रोज़ाना जीवनशैली में कुछ समय नियमित रूप से योग में लगाएं। हाइपो थाइरोइड की सबसे बुरी बात यह है की ये आपको बहुत ही सुस्त बना देता है। जबकि आपकी ज़रुरत है शारीरिक रूप से पूरी तरह तंदुरुस्त रहने की। अब यहाँ केवल योग ही आपकी इच्छाशक्ति को बढ़ने में सहायक होगा।
थाइरोइड होने के यूँ तो बहुत से कारण होते हैं मगर तनावग्रस्त होना एक बहुत ही बड़ा और प्रमुख कारण माना गया है चिकित्सकों द्वारा। मन को शांत और काबू में रखने व तनाव से बचने के लिए योगाभ्यास बहुत ही आवश्यक होता है।
थोड़े समय की लिए ही सही (यदि आपके पास ज़्यादा समय ना हो) मगर योगाभ्यास को अपनी जीवनशैली में शामिल ज़रूर करें। रोज़ाना के योगाभ्यास से जो सकारात्मक ऊर्जा आपको मिलेगी वो आपके थाइरोइड से लड़ने में और थाइरोइड को ख़त्म करने में बहुत ही मदद करेगी।
देखा गया है की हाइपर थाइरोइड सबसे पहले नींद पर प्रहार करता है और आपको नींद आने में बहुत ही दिक्कत होती है। हाइपर थाइरोइड में आपको अपने शरीर को आराम देने की ज़रुरत होती है, जो की योग आसनों के अभ्यास से ही मिल सकता है। योग आसनों को नियमित रूप से और सही तरीके से अभ्यास करना बहुत ही बेहतरीन रूप से सहायक होता है।
हम जानते हैं की आप बेशक संकोच महसूस करते होंगे थाइरोइड जैसी शारीरिक बिमारियों के कारण। पर अब आपको ज़्यादा मेहनत करने की ज़रुरत नहीं है। अब आप योग आसनों का सहारा ले कर प्राकृतिक रूप से अपने थाइरोइड का इलाज कर सकते हैं। थाइरोइड के लिए योगासनों (Yoga for Thyroid) के बारे में अगर आपको कुछ भी पूछना हो तो कृपया कर नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में अपना कमेंट छोड़ें।
Bhai bahut achhe teri post top 10 me number 1 par rank kar rahi hai