दोस्तों आज हम आपके लिए बेहद दिलचस्प और रोचक short motivational story in Hindi ले कर आये हैं। जिससे आपको बहुत ही अच्छी और बेहतरीन सीख मिलेगी सफलता (success) पाने के लिए और एक अच्छा जीवन जीने के लिए।
इस motivational story को पढ़ कर आपको अच्छा आचरण रखने की, सफलता कैसे प्राप्त करें और बुरी आदतें कैसे छोडें – इन सबकी सीख मिलेगी आपको इस पोस्ट में लिखी गई प्रेरणादायक छोटी सी कहानी द्वारा.
सफलता पाने का एक मात्र उपाय (Short Motivational Story in Hindi)
एक बार एक बेगमपुरा नाम के गाव में एक लड़का रहता था। उसका नाम गोपाल दास था और वह बहुत ही गरीब था। गोपाल दास मेहनती तो बहुत था परन्तु परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण वह विद्यालय से निकाला गया था। और पढ़ा लिखा ना होने की वजह से उसके लिए नौकरी पाना भी कठिन हो रहा था।
वह रोज़ नौकरी की ख़ोज में गाँव गाँव भटकता। एक गाँव से दुसरे गाँव, दुसरे से तीसरे गाँव, नौकरी की खोज में ही उसके दिन बीतते गए। एक दिन एक गाँव में उसकी भेंट एक व्यापारी से हुई जिसका लकड़ी का व्यापार था।
गोपाल दास ने उस व्यापारी से अपनी सारी स्थिति का वर्णन किया और उसे मेहनत करने का आश्वासन देते हुए काम माँगा। व्यापारी ने गोपाल दास की परिस्थिति को देखते हुए उसे जंगल से लकड़ी लाने का काम दे दिया।
व्यापारी ने गोपाल दास को एक नई कुल्हाड़ी खरीद कर दी, पेड़ काटने के लिए और लकड़ी लाने के लिए।
पहला दिन
गोपाल दास बहुत ही ख़ुशी ख़ुशी घर आया और सुबह सुबह जल्दी उठ कर जंगल चला गया पेड़ काट कर लकड़ियाँ इकठी करने के लिए। कड़ी मेहनत करके पहले दिन उसने 20 पेड़ काटे और लकड़ियाँ इकठी करके व्यापारी को लाकर दी। व्यापारी ने भी उसके काम को देख कर उसकी प्रशंसा की।
दूसरा दिन
अगले दिन गोपाल दास और ज्यादा जल्दी उठ कर जंगल चला गया और ज्यादा मेहनत की। पर यह देख कर हैरान रह गया कि पहले दिन के मुकाबले ज्यादा मेहनत करने पर भी वह आज केवल 16 पेड़ ही काट पाया। उसने जाकर लकड़ियाँ व्यापारी को दी और सब बताया, तो व्यापारी ने कहा: कोई बात नहीं, मेहनत ज़ारी रखो, समय आने पर सब समझ जाओगे।
तीसरा दिन
तीसरे दिन और ज्यादा मेहनत करने पर भी अंत में केवल 11 पेड़ ही काट पाया। अब गोपाल दास बहुत ही परेशान और दुखी हो गया। कुछ समझ नहीं पा रहा था की ऐसा सब क्यूँ हो रहा है। इतनी ज्यादा मेहनत करने पर भी क्यूँ वह कम पेड़ काट पा रहा था। उसे उसके ये प्रश्न बहुत ही परेशान करने लगे।
वह सीधा व्यापारी के पास जा पंहुचा और व्यापारी से ही अपनी व्यथा के बारे में और अपने प्रश्नों के बारे में बताने लगा। व्यापारी ने हस्ते हुए उससे प्रश्न किया की तुमने अपनी कुल्हाड़ी की धार कब तेज़ की थी?
गोपाल दास हैरान हो कर बोला: धार कब तेज़ की थी? अरे सेठ जी मेरे पास समय ही कहाँ बचता है धार तेज़ करने का? आप तो जानते हैं की मेरा सारा दिन तो पेड़ काटने में ही बीत जाता है, कि मुझे चाह कर भी समय ही नहीं मिल पाता। दिन भर पेड़ काटने में ही इतना व्यस्त रहता हूँ और तब भी उतने पेड़ नहीं काट पा रहा, तो धार कब तेज़ करूँ?
इसपर व्यापारी ने कहा: बस यही वजह है कि तुम उतने पेड़ नहीं काट पा रहे जितने कटने चाहियें उतने ही समय में जितना समय तुम कम पेड़ काटने में लगा रहे हो। अगर तुम थोडा समय अपनी कुल्हाड़ी की धार तेज़ करने में लगा दो तो कम समय में तुम अधिक से अधिक पेड़ काटने में सक्षम हो पाओगे।
Moral of the Story – सीख
दोस्तों, बस यही सीख हमारे जीवन में भी लागू होती है। हम काम तो बहुत करते हैं, मेहनत में भी कोई कमी नहीं है परन्तु थोडा समय अपनी कुल्हाड़ी की धार तेज़ करने में नहीं लगाते – अर्थात: अपने Skills को Improve करने के लिए समय नहीं निकालते।
जब तक आप बिना Skills को Improve किये, बिना कुछ नया सीखे, बिना अपने आप को और भी ज्यादा बेहतर बनाये काम करते रहेंगे – तब तक आपकी मेहनत का फल उतना लाभकारी नहीं होगा, उतना विशाल परिणाम देने वाला नहीं होगा जितना होना चाहिए।
दोस्तों मेहनत करना बेशक बहुत ही आवश्यक है परन्तु यह भी समझ लेना चाहिए की Hard work करने से कहीं ज्यादा लाभकारक Smart work होता है।
बस येही moral है इस motivational Hindi story का कि जितना हो सके अपने skills पर कम कीजिये अपने आप को अपनेआप से बेहतर बनाने के लिए।
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